July 27, 2024 11:17 am

July 27, 2024 11:17 am

Search
Close this search box.

वरनाया में 21 कुंडीय श्री शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ पर निकली कलश यात्रा।

 

समथर , झांसी , ग्राम बरनाया में 21 कुण्डीय शतचण्डी महायज्ञ के कार्यक्रम में उपस्थित सभी महंतों, संतों, का माल्यार्पण कर सम्मान किया गया। मंहत श्री श्री बालकदास जी महाराज के सानिध्य में उत्साह पूर्वक कलश यात्रा आदि शक्ति मां भवानी खेरी बाली माता मंदिर से प्रारंभ होकर बैंड बाजों के साथ निकली कलश यात्रा में आगे बहुत से घोड़े नृत्य करते हुये चल रहे थे। इसके बाद मातृशक्ति अपने सिर पर मंगल कलश रख कर चल रहीं थीं। उक्त मंगल कलश यात्रा ग्राम बरनाया के देव स्थानों से होती हुई यज्ञ स्थल पर पहुँचकर सम्पन्न हुई ।शतचण्डी महायज्ञ में मुख्य यजमान श्रीमती कुसुम यशवन्त राजपूत प्रधान बरनाया को मुख्य यजमान बनाया गया है । कथा पारीक्षत श्रीमती साबित्री चन्द्रभान सिंह को बनाया गया है। यज्ञाचार्य पं प्रशान्त शास्त्री बृन्दावन धाम द्वारा पहले दिन बिधी बिधान से कलश स्थापना कराने के साथ बैदिक रीति रिवाज के साथ यज्ञ का शुभारम्भ कराया गया ।इसके बाद यज्ञशाला में कलश स्थापना के बाद कथापंडाल में व्यास स्वामी रंगनाथाचार्यजी महाराज बृन्दावन धाम ने मंगलाचरण एवं श्रीमद्भागवत कथा की महिमा का बर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने का सौभाग्य जीव को अनेकों जन्मों के पुण्य उदय होने पर और भगवान की अशीम कृपा से ही प्राप्त होता है । श्रीमद्भागवत श्री कृष्ण का बांगमय स्वरूप है । इसके श्रवण से भक्ति रस की प्राप्ति होती है और जीव सहज ही मोक्ष प्राप्ति कर लेता है। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे ।

Leave a Comment

What does "money" mean to you?
  • Add your answer