भारत एक बार फिर क्रिकेट का वर्ल्ड चैंपियन बन गया है. भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में हराकर टी20 वर्ल्ड कप 2024 की ट्रॉफी जीत ली है. भारत ने 11 साल बाद कोई आईसीसी ट्रॉफी जीती है. इस जीत के साथ ही चोकर्स का टैग हटाने की दक्षिण अफ्रीका की कोशिश नाकाम रही. भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं हारी. यह टी20 वर्ल्ड कप इतिहास में पहला मौका है, जब किसी टीम ने बिना कोई मैच हारे ट्रॉफी जीती है.
भारत का चौथा वर्ल्ड कप
भारत ने टी20 वर्ल्ड कप दूसरी बार जीता है. पहली बार 2007 में एमएस धोनी की टीम ने भारत को इस फॉर्मेट में वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. भारतीय टीम वनडे वर्ल्ड कप भी जीत चुकी है. पहली बार 1983 और दूसरी बार 2011 में. विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों दूसरी बार वर्ल्ड कप विनिंग टीम के सदस्य हैं. 2007 की टी20 वर्ल्ड चैंपियन टीम में रोहित शर्मा थे, लेकिन कोहली नहीं थे. साल 2011 की चैंपियन टीम में कोहली साथ थे, पर रोहित नहीं थे.
पंड्या ने आखिरी ओवर में दिलाई जीत
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल शनिवार को बारबाडोस में खेला गया. भारत ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए 7 विकेट पर 176 रन बनाए. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका को 169 रन पर रोककर ट्रॉफी अपने नाम कर ली. दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए आखिरी ओवर में 16 रन बनाने थे. हार्दिक पंड्या ने अफ्रीकी टीम को इस ओवर में सिर्फ 8 रन बनाने दिए. इस तरह तरह भारत ने 7 रन से मैच जीत लिया.
भारत ने 34 रन पर 3 विकेट गंवाए
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला लिया. यह फैसला तब गलत साबित होने लगा जब भारत ने 34 रन पर 3 विकेट गंवा दिए. रोहित शर्मा 9, सूर्यकुमार यादव 3 और ऋषभ पंत बिना खाता खोले आउट हो गए. इसके बाद कप्तान रोहित शर्मा ने अक्षर पटेल को पांचवें नंबर पर प्रमोट किया. यह दांव चल गया. अक्षर ने 31 गेंद पर 47 रन की पारी खेली. उन्होंने इस पारी में 4 छक्के और एक चौका लगाया.
विराट ने आखिर तक संभाला मोर्चा
अक्षर पटेल की इस पारी ने विराट कोहली को वह साथी दे दिया, जिसका उन्हें इंतजार था. कोहली ने एक छोर संभाले रखा और 59 गेंद पर 76 रन की पारी खेली. उन्होंने इस दौरान अक्षर के साथ 72 रन की साझेदारी कर भारत को 100 रन के पार पहुंचाया. कोहली परिस्थिति के अनुरूप अपने खेल को बदलते रहे. उन्होंने शुरुआत में मार्को यानसेन के एक ओवर में 3 चौके मारे. जब भारत ने जल्दी-जल्दी विकेट गंवाए तो कोहली ने अपना खेल बदल दिया. उन्होंने तब एक छोर संभाला और भारत को 100 रन के पार पहुंचाया. विराट ने फिफ्टी पूरी करने के बाद फिर तेजी से रन बनाए. विराट 19वें ओवर में जब आउट हुए तो 163 रन हो चुका था.
हेंड्रिक्स-मार्करम 4-4 रन बनाकर आउट
177 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत खराब रही. ओपनर रीजा हेंड्रिक्स और कप्तान एडेन मार्करम 4-4 रन बनाकर आउट हो गए. जल्दी विकेट लेने की भारत की खुशी तब काफूर होने लगी जब क्विंटन डिकॉक और ट्रिस्टन स्टब्स क्रीज पर डट गए. इन दोनों की जोड़ी नौवें ओवर में अक्षर पटेल ने तोड़ी. उन्होंने स्टब्स (31) को क्लीन बोल्ड कर दिया. हालांकि, स्टब्स के आउट होने के बाद भी भारत को सुकून नहीं मिला. हेनरिक क्लासेन ने आते ही पलटवार किया और डिकॉक के साथ मिलकर अपनी टीम को 100 रन के पार पहुंचा दिया.
अर्शदीप सिहं ने दिलाई चौथी कामयाबी
अर्शदीप सिहं ने डिकॉक (39) को आउट कर भारत को चौथी कामयाबी दिलाई. डिकॉक जब आउट हुए तब दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 106 रन था. हालांकि, दक्षिण अफ्रीका इसके बावजूद लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ता रहा. हेनरिक क्लासेन और डेविड मिलर अपनी टीम को 151 के स्कोर तक ले गए.
बुमराह ने यानसेन को चलता किया
एक समय दक्षिण अफ्रीका जीत के बेहद करीब था. उसे जीत के लिए 24 गेंद पर 26 रन चाहिए थे और हेनरिक क्लासेन और डेविड मिलर क्रीज पर थे. 17वें ओवर की पहली गेंद पर हार्दिक ने क्लासेन को पंत के हाथों कैच करवा दिया. इस विकेट के बाद तो भारतीय खिलाड़ी घायल शेर की तरह शिकार पर टूट पड़े. 18वें ओवर में बुमराह ने यानसेन को आउट भारत की मैच पर पकड़ मजूत कर दी. 19वें ओवर में अर्शदीप विकेट नहीं ले सके, लेकिन उन्होंने सिर्फ 4 रन खर्च किए. इससे अफ्रीकी टीम पर दबाव बढ़ गया.
पंड्या ने आखिरी ओवर में लिया मिलर का विकेट
हार्दिक पंड्या जब मैच आखिरी ओवर लेकर आए तो दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 16 रन की जरूरत थी और क्रीज में डेविड मिलर और केशव महाराज थे. पंड्या ने पहली ही गेंद पर मिलर को लॉन्गऑफ पर कैच करवाया. सूर्या ने इस कैच को इतने बेहतरीन अंदाज में लिया कि अगर यह कहें कि यह विकेट पंड्या से ज्यादा उन्हीं का था तो गलत नहीं होगा. मिलर के आउट होते ही दक्षिण अफ्रीका हौसला हार गया और 5 गेंद बाद मैच भी हार गया.