November 14, 2024 5:02 pm

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सुदामा चरित्र प्रसंग के साथ हुआ श्रीमद भागवत कथा का समापन

 

मानवेंद्र सिंह गुर्जर ध्रुवजी
प्रधान सम्पादक

समथर (झांसी)। कस्बा समथर के समीप वरी माता मन्दिर के प्रांगण में चल रही श्रीमद भागवत कथा का सुदामा चरित्र के साथ समापन हो गया। कथा का वाचन पं हरिओम पटैरिया द्वारा किया गया।कथा में उन्होंने सुदामा चरित्र का वर्णन किया। कथा मे कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे।

राजराजेश्वरी वरी माता मंदिर के प्रांगण में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के आज अंतिम दिवस परीक्षित श्रीमती पम्मी राजा मुन्नाबाबू जी गुर्जर पहाड़पुर स्टेट द्वारा व्यासपीठ का पूजन करने के साथ ही कथा प्रारम्भ हो गयी जिसमे सुदामा चरित्र के प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए व्यास हरिओम पटैरिया ने बताया कि सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है।
प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र सुदामा को रोककर गले लगा लिया। कहने लगे कि तुम अपने मित्र से बिना मिले ही वापस जा रहे थे।

भगवान श्रीकृष्ण को सुदामा के गले लगा देखकर प्रहरी और नगरवासी अचंभित हो गए।
भगवान कृष्ण-सुदामा को अपने साथ रथ पर बैठाकर महल के अंदर लेकर पहुंचे और मित्र को सिंहासन पर बैठाकर खुद नीचे बैठ गए। भगवान श्रीकृष्ण को नीचे बैठा देखकर उनकी रानियां भी दंग रह गई, कि कौन है जिन्हें भगवान सिंहासन पर बैठाकर खुद नीचे बैठे हैं। भगवान कृष्ण ने आंसुओं से मित्र के पैर धोए और पैर से कांटे निकाले।
यह दृश्य देखकर महल में उपस्थित लोग भावुक हो गए। इसी प्रसंग के साथ कथा का समापन हो गया।
सुदामा चरित्र की कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। भागवत कथा सुनने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा सुनने आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। आयोजकों ने बताया कि भागवत कथा सुनने यहां दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं और भागवत कथा सुनकर उसे अपने जीवन में उतारने का संकल्प ले रहे हैं। भागवत कथा शुरू होने के पूर्व से ही भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है।श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन से यहां का माहौल भक्तिमय बन गया है।उक्त अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह कंसाना, पार्षद बिक्रम सिंह कंसाना, मनोज गुप्ता,परमाल सिंह गुर्जर, महेंद्रप्रताप सिंह रानू गुर्जर, रुद्रप्रताप सिंह गुर्जर, राजवीर सिंह,गुर्जर अनुपम सिंह गुर्जर, सत्यम सिंह गुर्जर, रेनू राजा गुर्जर,सहित बहुत से लोग उपस्थित रहे।

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