



उरई के जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात सफाई कर्मचारी को कंप्यूटर ऑपरेटर करने की जिम्मेदारी दी गई थी।उसने इसी चीज का फायदा उठाते हुए कार्यालय से लाखों की चपत लगा दी।उसने इतनी बड़ी रकम कई लोगों के खातों में ट्रांसफर की।
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।जहां जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात एक सफाई कर्मचारी ने लगभग 59 लाख रुपये का गबन कर लिया।यह रकम स्वच्छ भारत मिशन योजना के प्रचार प्रसार के लिए आई थी।जिसका खुलासा जांच के दौरान हुआ।इस घोटाले की जानकारी जैसे ही विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारियों को हुई।विभाग में हड़कंप मच गया।
इस पूरे मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने जिलाधिकारी को इस बारे में जानकारी दी। जिलाधिकारी की अनुमति मिलने के बाद कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम देखने वाले सफाई कर्मचारी और एक अन्य शख्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
सफाई कर्मचारी को दी गई कंप्यूटर ऑपरेटर की जिम्मेदारी
दरअसल, पूरा मामला जालौन के जिला मुख्यालय उरई में बने जिला पंचायती राज विभाग कार्यालय का है।इस कार्यालय में तैनात एक सफाई कर्मचारी को कंप्यूटर ऑपरेटर की जिम्मेदारी दी गई थी।यह जिम्मेदारी उसे तब दी गई।जब विभाग में अकाउंटेंट के पद पर कोई भी तैनात नहीं था।जिस पर यह जिम्मेदारी सफाई कर्मचारी मनोज वर्मा को सौंप गई थी।
इस तरह हड़पे 59 लाख
3 जुलाई 2021 को उस समय तैनात जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा उसको अपना आईडी पासवर्ड उपलब्ध कराते हुए यह आदेश दिया गया था कि वह डिजिटल सिग्नेचर का भी प्रयोग कर समय अनुसार कर सकता है।कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत सफाई कर्मचारी मनोज वर्मा ने इसका पूरा लाभ उठाते हुए स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत जिले में प्रचार प्रचार के लिये स्वीकार आवंटित बजट में से करीब 58 लाख 98 हजार रुपए का गबन कर लिया है।
दूसरे के खातों में ट्रांसफर की रुपये
धीरे-धीरे यह राशि को उसने तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग करते हुए दूसरे के खाते में ट्रांसफर की।सर्वप्रथम उसने किसी अंजान व्यक्ति शैलेंद्र कुशवाहा के खाते में छह लाख को रकम ट्रांसफर कर दी। इसके बाद सफाई कर्मी को कंप्यूटर ऑपरेटर की जिम्मेदारी निभा रहा था।
पंचायत राज में हड़कंप
उसने 5 अक्टूबर को विभाग में ही कार्यरत सफाई कर्मी विकेंद्र कुमार के खाते में 8 लाख 30 हजार की रकम भेज दी। इसके बाद उसने 2 दिसंबर 2022 को फिर से 8 लाख 87 हजार उसके खाते में डाले गये।जबकि 8 जनवरी 2023 को 35 लाख की रकम उसी सफाई कर्मी के खाते में ट्रांसफर कर कुल 58 लाख 98 हजार रुपए का बंदरबांट कर दिया और उसे निकाल लिया। मामले का खुलासा होने के बाद जिला पंचायत राज विभाग में हड़कंप मच गया।
FIR दर्ज करने के आदेश
इस मामले की जांच करने पहुंचे मुख्य विकास अधिकारी भीम जी उपाध्याय ने डीपीआरओ कार्यालय पहुंचकर मामले की जानकारी ली।इसके बाद पूरे मामले के बारे में डीएम चांदनी सिंह को बताया गया।आरोपी के ऊपर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये गये हैं।